हाँ... थोड़ी अलग सी हूँ मै....❣️❣️
हाँ... थोड़ी अलग सी हूं मैं...
लेकिन यह भी सच है गलत नही हूँ मैं...
"समझ" मेरी थोड़ी अलग सी है ...क्योंकि अलग हूँ मैं...
हाँ पसंद नही आती लोगों की बातें मुझे जल्दी।...
लेकिन ये भी सच है ,सही हूँ मैं...
मेरा गौरव मेरा आत्मविश्वास ...
और लोगों से मिली इज़्जत ही है ताज मेरा ...
लेकिन ये भी सच है इन्हीं से सरताज़ हूँ मैं.....
हाँ ...थोड़ी अलग सी हूँ मैं...
जज्बातों को बयां करने मे कतराती हूँ मैं...
लेकिन ये भी सच है जज्बातों से लबरेज़ हूं मैं...
हाँ ...थोड़ी अलग सी हूँ मैं...
डरती हूँ किसी के करीब होने से ...
लेकिन ये भी सच है.. चाहती हूँ "किसी" को दिल के कोने से ...
हाँ... थोड़ी अलग सी हूँ मैं...
दुनियां वालों के जैसे इश्क़ में मरना मिटना नही आता मुझे...
लेकिन ये भी सच है "किसी" एक लिए जीना सीख रही हूँ मैं
हाँ... थोड़ी अलग सी हूँ मै...
गर मुझसे इश्क करे जो.....मानो पा लेगा मुझे फिर वो..
लेकिन जो मुझे समझ सकें..
तो फिर उसके लिए जिंदगी भर रूह का अहसास हूँ मैं....
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