अब सिर्फ खुद का सोचती हूँ...💕💕
अब सिर्फ खुद का सोचती हूं ।
खुद से ही मुलाकात करती हूं ।
बहुत खुश हूं अपने जीवन में ,
क्योंकि उम्मीद अब कम ही करती हूं ।
जो है जैसा है, बहुत लाजवाब है ,
बीते हुए कल का अब एतबार नही करती हूं ।
मेरे आज में सुकूँ और सपनोँ का जुनून है ,
हौसलों की चादर और भरोसा खुद पे रखती हूं ।
वक़्त को अपने वक़्त से मिला लिया करती हूं ।
और थोड़ा वक़्त खुद के लिए चुरा लिया करती हूं ।
शुक्रगुजार हूं खुदा की ,
जो मिला वो वाकई में कम नही ,
और कुछ खोने का मुझे गम नही ।
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